झारखंड विधानसभा में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर जोर
झारखंड विधानसभा में महिला सदस्यों की उपस्थिति को लेकर विशेष चर्चा हुई, जहां माननीय सदस्य ने महिलाओं की शक्ति और उनके बढ़ते राजनीतिक योगदान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब महिलाओं में इतनी शक्ति है, तो उन्हें किसी भी परिस्थिति में बेचारी नहीं बनना चाहिए। उन्होंने सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में झारखंड में महिलाओं की भागीदारी और अधिक बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने झारखंड के विकास के लिए महागठबंधन सरकार की योजनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि यह सरकार "अबुआ सरकार" है, जो जनहित के मुद्दों पर काम करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। महिलाओं, युवाओं, किसानों और आदिवासी समाज के कल्याण के लिए चल रही योजनाओं को धरातल पर उतारने का वादा करते हुए उन्होंने कहा, "हमारी सरकार हर वर्ग के समग्र विकास के लिए कार्य कर रही है।"
झारखंड के लिए केंद्र से समानता की मांग
विधानसभा सत्र के दौरान केंद्र सरकार की नीतियों को झारखंड के प्रति असंवेदनशील बताते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए गए। उन्होंने कहा कि झारखंड के श्रमिकों और गरीबों को न्यूनतम मजदूरी और केंद्र की योजनाओं में पर्याप्त समर्थन नहीं मिल रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि झारखंड को अन्य राज्यों की तुलना में प्राथमिकता नहीं दी जाती।
"प्रधानमंत्री आवास योजना और खेलो इंडिया जैसी योजनाओं में झारखंड को न्यूनतम आवंटन मिलता है, जो हमारे राज्य के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया दर्शाता है। यह संघीय ढांचे के सिद्धांतों के खिलाफ है।"
महागठबंधन सरकार का जनादेश और विकास कार्य
माननीय सदस्य ने कहा कि झारखंड की जनता ने महागठबंधन सरकार पर भरोसा जताते हुए उन्हें दूसरी बार जनादेश दिया है। उन्होंने इस जनादेश को जिम्मेदारी के रूप में लेते हुए कहा कि यह सरकार राज्य के हर वादे को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "किसानों के लिए दो लाख तक के ऋण माफ किए गए हैं, बिजली बिल माफी योजना लागू की गई है, और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं।"
उन्होंने सरकार की संवेदनशीलता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह सरकार सिर्फ योजनाएं बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें लागू करने पर भी ध्यान केंद्रित करती है।
झारखंड की संस्कृति और भाषा पर जोर
सदन में झारखंड की संस्कृति, भाषा और आदिवासी परंपराओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई। माननीय सदस्य ने कहा, "झारखंडी होने पर गर्व महसूस करना चाहिए। हमारी भाषाएं, जैसे कुड़ुख, मुंडारी, और अन्य जनजातीय भाषाएं, हमारी पहचान हैं। हमें इन्हें संरक्षित और बढ़ावा देने की आवश्यकता है।"
उन्होंने कहा कि झारखंड का पर्यटन क्षेत्र संभावनाओं से भरा है, लेकिन इसे विकसित करने के लिए ठोस प्रयास करने की जरूरत है।
निष्कर्ष
महागठबंधन सरकार ने झारखंड को समर्पित सरकार बताते हुए राज्य के हर वर्ग के लिए काम करने का संकल्प लिया। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अपने मुद्दों को सदन तक पहुंचाने में सहयोग करें और झारखंड के विकास में अपनी भूमिका निभाएं।
अंत में उन्होंने झारखंड की जनता, खासकर महिलाओं और आदिवासी समाज का धन्यवाद करते हुए कहा, "हम आपके भरोसे पर खरा उतरने के लिए पूरी ताकत से काम करेंगे। झारखंड का सुनहरा भविष्य अब ज्यादा दूर नहीं।"
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